Salaar Review : मूवी कम महाभारत ज्यादा है, सालार ने कराइ बाहुबली की वापसी,बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा रही है सालार

Salaar Review: हर फ्राइडे थिएटर्स में बहुत सारी मूवीस आती है किसी को याद भी नहीं रहता लेकिन कोई एक फ्राइडे ऐसा होता है जिससे पूरा साल याद किया जाता है। 2023 साल नहीं सालार है। पहले ही इशारा कर दिया था प्रशांत नील ने लेकिन लोग कब से उन पर शक किया जा रहे थे।अगर हॉलीवुड मूवीस देखते हो तो क्रिस्टोफर नोलन का नाम पक्का सुना होगा उनकी फिल्मों का टिकट बुक करना जैसे की दूसरी दुनिया में जाने का जहाज पकड़ना।
टेटर्स के दरवाजे खोलते ही हम नई दुनिया में पहुँच जाते हैं, ठीक वैसा ही कुछ-कुछ मिलता है जैसा काम करते हैं मास्टरमाइंड प्रशांत नील। केजीएफ के बारे में जब सोचोगे तो ऐसा लगेगा साल 2 साल उसमें रहकर आए हैं। लोग अपने पड़ोसी का नाम नहीं पता होगा लेकिन केजीएफ की बड़ी मां को सब जानते हैं और इसी वजह से काफी लोगों ने बोल दिया था कि दो जादू केजीएफ ने किया है। दोबारा कभी रिपीट नहीं होगा। लेकिन क्या आप यकीन करोगे प्रशांत नील ने इस बार खुद प्रशांत नील को ही हरा दिया है क्योंकि सालार की रेस वहां से शुरू हुई जहां पर केजीएफ खत्म हो जाती है।
शेर जंगल का राजा है, हर कोई डरता है। लेकिन जब शेर अपने जंगल में ही डरने लग जाए तो, समझ जाना दरवाजे पर डायनासोर आया है। लोग एनिमल को वॉयलेंट बोल रहे थे तो भैया सालार देखने के बाद शायद आप कुछ बोलने लायक ही नहीं रहो। इस लेवल का एक्शन सिनेमा ना तो बॉलीवुड में ना तो साउथ में और नहीं हॉलीवुड में सब कुछ फेल हो गया। और सबसे बेस्ट चीज इस मोवी में यह है की, यह एक डिटेलिंग वाली कहानी है इस फिल्म में जिसके लिए एक्शन किया जा रहा है,महाभारत अपने इंडियन हिस्ट्री का सबसे इंर्पोटेंट चैप्टर उसको नए जमाने में कैसे सुनाया जाएगा बस वही दिखाया है प्रशांत नील ने।

Salaar Review : महाभारत से मेल खाती है कहानी

Salaar Review: दुर्योधन को चाहिए थी राजा की कुर्सी लेकिन सामने वाले दुश्मन की ताकत बहुत ज्यादा थी उनके साथ खुद भगवान थे। अब ऐसे में लड़ाई होती तो दुर्योधन बुरी तरह हार जाता टुकड़े-टुकड़े करके मारा जाता लेकिन जब युद्ध हुआ तो लड़ाई जितना सोचा था,उससे बहुत ज्यादा लंबी चल गई। क्योंकि दुर्योधन के साथ कोई और भी था बोलो कौन- ‘महावीर कर्ण’, दोस्ती में ऐसे बंधे थे कि अपने दोस्त को पूरी दुनिया दिखाने का वादा कर दिया और ताकत ऐसी की भगवान कृष्ण की ताली बजाते बजाते थक जाए। लेकिन नील साहब ने इस कहानी में एक छोटा सा ट्विस्ट डालकर पूरे महाभारत की शक्ल को ही बदल दिया।

Salaar Review: इस लड़ाई में कर्ण दुर्योधन के पीछे नहीं बल्कि आमने-सामने खड़े हो गए हैं। जान देनी नहीं है एक दूसरे की जान लेनी पड़ेगी यह महाभारत प्रेम से नहीं तलवार से लिखी जाएगी। एकदम लाल अब जितना झटका आपको यह एक लाइन सुनकर लगा है उसको परेशान नील खतरनाक स्टोरी डिटेलिंग के साथ प्रेजेंट किया है। जिसमें बहुत सारे ट्विस्ट एंड टर्न छुपे हुए हैं। केजीएफ और केजीएफ 2 में काफी लोग शिकायत करते हैं कि मांस मांस मांस के अलावा कहानी तो कुछ स्पेशल नहीं है उनकी सारी शिकायत सालार के बाद दूर हो जाएगी।

Salaar review

Leave a Comment

Exit mobile version